Teacher Transfer News: जिन स्कूलों में कम हैं शिक्षक उनको नहीं मिलेगा तबादला का लाभ
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। परिषदीय स्कूलों में लंबे समय से सामान्य स्वैच्छिक स्थानांतरण का इंतजार कर रहे शिक्षकों के लिए शासन के नए आदेश से राहत मिली है। लेकिन ऐसे शिक्षक जो दूर-दराज के विद्यालयों में वर्षों से कार्यरत हैं और शहर के निकट के विद्यालय में आने की आस लगाए बैठे हैं उन्हें निराशा हाथ लगी है।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि सरकार को शहर से दूर-दराज के विद्यालयों के शिक्षकों के तबादले पर भी विचार करना चाहिए।शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार जनपद के जिन स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों की संख्या कम हैं, वहां से शिक्षकाें को तबादला का लाभ नहीं मिलेगा।
विभाग इसकी जानकारी यू-डायस डाटा के आधार पर करेगा। यह पता चलेगा कि किस स्कूल में शिक्षकों की अधिकता या कमी है। इसके आधार पर सूची बनाई जाएगी और आनलाइन साझा की जाएगी। जहां में शिक्षक अधिक हैं, वहां के शिक्षक स्वेच्छा से चयन कर सकेंगे।
शिक्षकों को देना होगा दस विद्यालयों का विकल्प
शिक्षक से दस विद्यालयों का विकल्प लिया जाएगा। आनलाइन पोर्टल पर आवेदन ही पूरा माना जाएगा। विद्यालयों में तर्कसंगत परिनियोजन (रेशनल डिप्लायमेंट) के तहत जिले के अंदर तबादला किया जाएगा। इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी होगी। इसमें सीडीओ, डायट प्राचार्य व बीएसए शामिल होंगे। तबादले ग्रामीण सेवा संवर्ग से ग्रामीण सेवा संवर्ग व नगर क्षेत्र से नगर क्षेत्र में किए जाएंगे।
जिले में इन ब्लाकों में अधिक है शिक्षकों की संख्या
जनपद की बात करें तो शहर के निकट के ब्लाकों चारगांवा, खोराबार, पिपरौली के अधिकांश स्कूलों में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या अधिक है। इसके अलावा पिपराइच, भटहट व जंगल कौड़ियां के कुछ स्कूलों में शिक्षकों की संख्या छात्रों की तुलना में अधिक है। यदि इन स्कूलों के शिक्षक स्वेच्छा से अपने मनपसंद स्कूल के लिए आवेदन करते हैं तो उन्हें इसका लाभ मिलेगा।
सबको तबादले का अवसर मिलना चाहिए था। स्वेच्छा को आधार नहीं बनाना चाहिए था। ऐसे शिक्षक जो दूर-दराज के विद्यालयों में वर्षों से कार्यरत है और शहर के निकट के विद्यालय में आने की आस लगाए बैठे हैं उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। विभाग को इस पर ध्यान देना चाहिए।
-राजेश धर दूबे, जिलाध्यक्ष, उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ