दो स्कूलों में पढ़ाएंगे खंड शिक्षा अधिकारी, कक्षा में मोबाइल पर रोक Basic Education Department News

Imran Khan
By -
0

दो स्कूलों में पढ़ाएंगे खंड शिक्षा अधिकारी, कक्षा में मोबाइल पर रोक

Basic Education Department News

बेसिक शिक्षा विभाग की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को एनआईसी, कचहरी रोड स्थित कार्यालय में जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाने हेतु 19 प्रमुख पैरामीटरों पर चर्चा की गई।

बताया गया कि मेरठ जनपद में 65 मॉडल स्कूल हैं, जिसमें 24 में कार्य चल रहा है। आदेश दिए कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद प्रत्येक खंड शिक्षा अधिकारी को प्रतिदिन दो विद्यालयों में स्वयं जाकर पढ़ाना होगा। कोई भी अध्यापक कक्षा में मोबाइल का प्रयोग न करे। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि यदि प्रस्तावित मॉडल विद्यालयों का पूर्ण विकास 15 जुलाई तक नहीं किया गया तो जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी।


विद्यालयों को सुव्यवस्थित करने के लिए कई पहलुओं पर ध्यान देने को कहा गया है। इसमें मां सरस्वती की मूर्ति की स्थापना, कक्षा की खिड़कियों पर जाली एवं शीशे लगवाना, दीवारों पर आकर्षक रंगों से पेंटिंग कराना व कक्षाओं को अव्यवस्थित सामग्री से मुक्त रखना शामिल है। खंड शिक्षा अधिकारियों को यह भी निर्देशित दिया गया कि कार्य प्रारंभ होने से पूर्व एवं पूर्ण होने के बाद की तस्वीरों सहित पीपीटी तैयार की जाए और उसका वीडियो बनाकर प्रस्तुत किया जाए। सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे स्वयं विद्यालयों की निगरानी करते हुए कार्य संपन्न कराएं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि सभी विद्यालयों में चिकित्सा शिविर लगाकर छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। असंतोषजनक कार्य पर दी जाएगी प्रतिकूल प्रविष्टि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद प्रत्येक खंड शिक्षा अधिकारी को प्रतिदिन दो विद्यालयों में स्वयं जाकर पढ़ाने और उसका वीडियो ग्रुप में साझा करने का निर्देश दिया गया है। इस अवधि के दौरान उनके कार्यों की समीक्षा की जाएगी और असंतोषजनक कार्य पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देशित किया कि कोई भी अध्यापक कक्षा में मोबाइल का प्रयोग न करे। निरीक्षण के दौरान मोबाइल प्रयोग करते पाए जाने पर खंड शिक्षा अधिकारी उत्तरदायी होंगे। विद्यालयों में लगाए जाने वाले झूले उच्च गुणवत्ता के होंगे और बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

Read more news like this on
livehindustan.com

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)