टीईटी के विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सांसद को सौंपा ज्ञापन
बाराबंकी। अनिवार्य टीईटी के विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को सांसद तनुज पुनिया को ज्ञापन सौंपा। महासंघ ने आगामी संसद सत्र में इस मुद्दे को उठाने की मांग की।
जिलाध्यक्ष सुनील कुमार व महामंत्री संतोष वर्मा के नेतृत्व में शिक्षक ओबरी स्थित सांसद आवास पहुंचे और टीईटी अनिवार्यता के कारण उत्पन्न हो रही समस्याओं से अवगत कराया। महासंघ ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार अब सभी सेवारत शिक्षकों के लिए, नियुक्ति तिथि चाहे जो भी हो, शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षकों को दो वर्ष के भीतर टीईटी पास करना होगा, अन्यथा उनकी सेवा प्रभावित हो सकती है।
संगठन ने कहा कि इस निर्णय से देश के लगभग 20 लाख शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं, जिनकी सेवा सुरक्षा, पदोन्नति और आजीविका पर गहरा संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने यह भी मांग की कि उत्तर प्रदेश में टीईटी की बाध्यता 27 जुलाई 2011 से लागू होने के कारण, इससे पहले नियुक्त सभी शिक्षकों को अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए। सांसद तनुज पुनिया ने आश्वासन दिया कि शिक्षकों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा करना उनका दायित्व है और वे सदैव शिक्षकों की न्यायोचित मांगों के समर्थन में खड़े हैं। इस दौरान पारुल शुक्ला, सरिता रस्तोगी, विवेक गुप्ता, आनंद पांडे, अतुल दिवाकर सहित अनेक शिक्षक मौजूद रहे।
