यूपी बोर्ड : डेढ़ लाख परीक्षक जांचेंगे तीन करोड़ कॉपियां
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की तीन करोड़ से अधिक कॉपियों का मूल्यांकन 19 मार्च से दो अप्रैल तक 261 मूल्यांकन केंद्रों पर होगा। 10वीं-12वीं में पंजीकृत 5437233 परीक्षार्थियों की तीन करोड़ से अधिक उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए तकरीबन डेढ़ लाख परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।
बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने साफ किया है कि कॉपियों के मूल्यांकन में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। प्रत्येक परीक्षक को प्रतिदिन हाईस्कूल में 50 कुल अवधि में 700 (कला विषय में 80 कुल अवधि में 800) और इंटरमीडिएट में 45 कुल अवधि में 600 से अधिक उत्तर पुस्तिकाएं नहीं दी जाएगी। परीक्षक को लंच से पहले आधी और लंच के बाद आधी कॉपियां जांचने के लिए दी जाएगी। एकसाथ एक बार में 45 या 50 कॉपियां परीक्षकों को नहीं सौपेंगे। पूर्व के वर्षों में कुछ परीक्षक दो-तीन घंटे में ही कॉपियां जांचकर चले जाते थे।
इसलिए मूल्यांकन की पूरी अवधी के दौरान मौजूद रहकर गुणवत्तापूर्ण तरीके से कॉपियां जांचने के निर्देश दिए गए हैं। प्रतिदिन प्रत्येक परीक्षक के द्वारा जांची कॉपियों की संख्या भी मंगाई जाएगी। कुछ कॉपियां सैंपल के तौर पर मंगाकर बोर्ड मुख्यालय के विशेषज्ञ भी देखेंगे, ताकि गुणवत्तापूर्ण मूल्यांकन सुनिश्चित कराया जा सके। मूल्यांकन केंद्र प्रभारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी सूरत में अनाधिकृत व्यक्ति मूल्यांकन केंद्र में प्रवेश न करे।
17 मार्च को उप प्रधान परीक्षकों (डीएचई) और परीक्षकों को केंद्रों पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। जो डीएचई नहीं पहुंचेंगे उनके स्थान पर वरिष्ठतम परीक्षक को उप प्रधान परीक्षक नियुक्त किया जाएगा। अनुपस्थित परीक्षकों की सूचना जिला विद्यालय निरीक्षक को दी जाएगी ताकि दूसरे शिक्षक की ड्यूटी लगाई जा सके। उप प्रधान परीक्षकों एवं परीक्षकों को 18 मार्च को मूल्यांकन संबंधी दिशा-निर्देश एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यूपी बोर्ड : डेढ़ लाख परीक्षक जांचेंगे तीन करोड़ कॉपियां
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की तीन करोड़ से अधिक कॉपियों का मूल्यांकन 19 मार्च से दो अप्रैल तक 261 मूल्यांकन केंद्रों पर होगा। 10वीं-12वीं में पंजीकृत 5437233 परीक्षार्थियों की तीन करोड़ से अधिक उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए तकरीबन डेढ़ लाख परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।
बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने साफ किया है कि कॉपियों के मूल्यांकन में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। प्रत्येक परीक्षक को प्रतिदिन हाईस्कूल में 50 कुल अवधि में 700 (कला विषय में 80 कुल अवधि में 800) और इंटरमीडिएट में 45 कुल अवधि में 600 से अधिक उत्तर पुस्तिकाएं नहीं दी जाएगी। परीक्षक को लंच से पहले आधी और लंच के बाद आधी कॉपियां जांचने के लिए दी जाएगी। एकसाथ एक बार में 45 या 50 कॉपियां परीक्षकों को नहीं सौपेंगे। पूर्व के वर्षों में कुछ परीक्षक दो-तीन घंटे में ही कॉपियां जांचकर चले जाते थे।
इसलिए मूल्यांकन की पूरी अवधी के दौरान मौजूद रहकर गुणवत्तापूर्ण तरीके से कॉपियां जांचने के निर्देश दिए गए हैं। प्रतिदिन प्रत्येक परीक्षक के द्वारा जांची कॉपियों की संख्या भी मंगाई जाएगी। कुछ कॉपियां सैंपल के तौर पर मंगाकर बोर्ड मुख्यालय के विशेषज्ञ भी देखेंगे, ताकि गुणवत्तापूर्ण मूल्यांकन सुनिश्चित कराया जा सके। मूल्यांकन केंद्र प्रभारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी सूरत में अनाधिकृत व्यक्ति मूल्यांकन केंद्र में प्रवेश न करे।
17 मार्च को उप प्रधान परीक्षकों (डीएचई) और परीक्षकों को केंद्रों पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। जो डीएचई नहीं पहुंचेंगे उनके स्थान पर वरिष्ठतम परीक्षक को उप प्रधान परीक्षक नियुक्त किया जाएगा। अनुपस्थित परीक्षकों की सूचना जिला विद्यालय निरीक्षक को दी जाएगी ताकि दूसरे शिक्षक की ड्यूटी लगाई जा सके। उप प्रधान परीक्षकों एवं परीक्षकों को 18 मार्च को मूल्यांकन संबंधी दिशा-निर्देश एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा।