शिक्षकों के लिए खुशखबरी! यूपी में 1 अप्रैल से शुरू हो रही है तबादला प्रक्रिया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। 1 अप्रैल से यूपी में शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादलों की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिससे प्रदेश भर के शिक्षकों को बड़े बदलाव का मौका मिलेगा।
इस प्रक्रिया के तहत, शिक्षक अब अपने कार्य स्थल में बदलाव करने के लिए आवेदन कर सकेंगे।
ऑनलाइन पंजीकरण और समय सीमा:
तबादला प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी होगी। ऑनलाइन पंजीकरण 1 अप्रैल से शुरू होकर 11 अप्रैल तक चलेगा। शिक्षकों को इस दौरान अपने दस्तावेज़ अपलोड करने और आवेदन करने का अवसर मिलेगा। आवेदन पत्र भरने के बाद, 15 मई को स्थानांतरण आदेश जारी किए जाएंगे। इस समय सीमा के भीतर किए गए पंजीकरण और आवेदन पर विचार किया जाएगा। इसके बाद, शिक्षकों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान कार्यमुक्त किया जाएगा, जिससे उन्हें नए स्कूल में समायोजन के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
तबादला समिति की गठन और जिम्मेदारियां:
तबादला प्रक्रिया को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने के लिए एक जिला स्तर पर समिति गठित की गई है। इस समिति का नेतृत्व मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) करेंगे। साथ ही, इस समिति में डायट प्राचार्य, वित्त एवं लेखाधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) को सदस्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। यह समिति 20 से 25 अप्रैल, 2025 के बीच बैठक करके तबादला प्रक्रिया की अंतिम सूची तैयार करेगी।
तबादले के मानक और वरिष्ठता का निर्धारण:
नई नीति के तहत, शिक्षक केवल उन्हीं जिलों में स्थानांतरण का आवेदन कर सकेंगे, जिनका कम से कम 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा हो चुका हो। इस पहल से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिन शिक्षकों का अनुभव अधिक है, उन्हें पहले प्राथमिकता दी जाए। इसके अलावा, वे शिक्षक जो आपसी (Mutual) आधार पर तबादला चाहते हैं, उन्हें दूसरे जिले में स्थानांतरित शिक्षकों की वरीयता सूची में सबसे नीचे रखा जाएगा। इस व्यवस्था से वरिष्ठता में कोई विवाद नहीं होगा और तबादला प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रहेगी।
तबादले के लिए विशेष परिस्थितियों में वरीयता:
नई नीति में यह भी उल्लेख किया गया है कि विशेष परिस्थितियों में दिव्यांग, विधवा, तलाकशुदा या गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। यह पहल सरकार द्वारा शिक्षकों की सामाजिक और व्यक्तिगत स्थिति को समझते हुए की गई है। इस तरह से न सिर्फ अनुभव बल्कि व्यक्तिगत समस्याओं को भी ध्यान में रखते हुए तबादला प्रक्रिया में राहत दी जाएगी।
शिक्षकों के लिए खुशखबरी! यूपी में 1 अप्रैल से शुरू हो रही है तबादला प्रक्रिया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। 1 अप्रैल से यूपी में शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादलों की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिससे प्रदेश भर के शिक्षकों को बड़े बदलाव का मौका मिलेगा।
इस प्रक्रिया के तहत, शिक्षक अब अपने कार्य स्थल में बदलाव करने के लिए आवेदन कर सकेंगे।
ऑनलाइन पंजीकरण और समय सीमा:
तबादला प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी होगी। ऑनलाइन पंजीकरण 1 अप्रैल से शुरू होकर 11 अप्रैल तक चलेगा। शिक्षकों को इस दौरान अपने दस्तावेज़ अपलोड करने और आवेदन करने का अवसर मिलेगा। आवेदन पत्र भरने के बाद, 15 मई को स्थानांतरण आदेश जारी किए जाएंगे। इस समय सीमा के भीतर किए गए पंजीकरण और आवेदन पर विचार किया जाएगा। इसके बाद, शिक्षकों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान कार्यमुक्त किया जाएगा, जिससे उन्हें नए स्कूल में समायोजन के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
तबादला समिति की गठन और जिम्मेदारियां:
तबादला प्रक्रिया को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने के लिए एक जिला स्तर पर समिति गठित की गई है। इस समिति का नेतृत्व मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) करेंगे। साथ ही, इस समिति में डायट प्राचार्य, वित्त एवं लेखाधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) को सदस्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। यह समिति 20 से 25 अप्रैल, 2025 के बीच बैठक करके तबादला प्रक्रिया की अंतिम सूची तैयार करेगी।
तबादले के मानक और वरिष्ठता का निर्धारण:
नई नीति के तहत, शिक्षक केवल उन्हीं जिलों में स्थानांतरण का आवेदन कर सकेंगे, जिनका कम से कम 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा हो चुका हो। इस पहल से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिन शिक्षकों का अनुभव अधिक है, उन्हें पहले प्राथमिकता दी जाए। इसके अलावा, वे शिक्षक जो आपसी (Mutual) आधार पर तबादला चाहते हैं, उन्हें दूसरे जिले में स्थानांतरित शिक्षकों की वरीयता सूची में सबसे नीचे रखा जाएगा। इस व्यवस्था से वरिष्ठता में कोई विवाद नहीं होगा और तबादला प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रहेगी।
तबादले के लिए विशेष परिस्थितियों में वरीयता:
नई नीति में यह भी उल्लेख किया गया है कि विशेष परिस्थितियों में दिव्यांग, विधवा, तलाकशुदा या गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। यह पहल सरकार द्वारा शिक्षकों की सामाजिक और व्यक्तिगत स्थिति को समझते हुए की गई है। इस तरह से न सिर्फ अनुभव बल्कि व्यक्तिगत समस्याओं को भी ध्यान में रखते हुए तबादला प्रक्रिया में राहत दी जाएगी।