UP Schools : यूपी में अब प्रधानाध्यापकों की होगी कड़ी जवाबदेही स्कूलों के लिए नया आदेश जारी, जानें क्या बदलेंगे नियम

Imran Khan
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UP Schools : यूपी में अब प्रधानाध्यापकों की होगी कड़ी जवाबदेही स्कूलों के लिए नया आदेश जारी, जानें क्या बदलेंगे नियम

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UP Schools : यूपी में अब प्रधानाध्यापकों की होगी कड़ी जवाबदेही स्कूलों के लिए नया आदेश जारी, जानें क्या बदलेंगे नियम

News India Live, Digital Desk:UP Schools : उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन लाने के लिए राज्य सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है।


अब, प्रदेश के सभी परिषदीय स्कूलों (सरकारी प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूल) और मान्यता प्राप्त प्राइमरी/जूनियर हाई स्कूलों के लिए एक नया और कड़ा आदेश जारी किया गया है। इस नए आदेश के तहत, प्रधानाध्यापकों (Headmasters) की जिम्मेदारी और जवाबदेही को और बढ़ा दिया गया है।

क्या है यह नया आदेश और इसका क्या मतलब है?

इस नए आदेश का मुख्य उद्देश्य स्कूल प्रबंधन को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाना है। यह प्रधानाध्यापकों को अपने स्कूल में हर चीज पर सीधी नज़र रखने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिक सशक्त करेगा।

  • अधिक जवाबदेही: अब प्रधानाध्यापक स्कूल के हर पहलू, जैसे कि शिक्षकों की उपस्थिति, छात्रों की पढ़ाई, स्वच्छता, मिड-डे मील और अन्य सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।

  • सख्त नियम: नियमों का पालन न करने पर प्रधानाध्यापकों के खिलाफ सीधे कार्रवाई हो सकती है। यह उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को अधिक गंभीरता से लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

  • बेहतर प्रदर्शन: उम्मीद है कि इससे स्कूलों के ओवरऑल परफॉरमेंस में सुधार होगा, जिससे छात्रों को बेहतर शैक्षिक माहौल मिलेगा।

यह कदम क्यों उठाया गया?

कई बार परिषदीय और मान्यता प्राप्त स्कूलों से अनियमितताओं की शिकायतें आती रहती हैं, जैसे शिक्षकों की अनुपस्थिति, पढ़ाई में लापरवाही, मिड-डे मील की गुणवत्ता में कमी या स्कूल परिसर में साफ-सफाई का अभाव। इन समस्याओं को दूर करने और शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है कि मुख्य रूप से प्रधानाध्यापक को ही जवाबदेह बनाया जाए। यह माना जा रहा है कि जब प्रमुख व्यक्ति की जिम्मेदारी तय होगी, तो पूरा सिस्टम अधिक सुचारु रूप से चलेगा।

यह नया आदेश यूपी की बेसिक शिक्षा को मजबूत करने और बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे अभिभावकों और छात्रों को भी राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें उम्मीद रहेगी कि उनके बच्चों को स्कूलों में एक बेहतर और अनुशासित माहौल मिलेगा।

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