यूपी के सभी जिलों में स्कूलों का औचक निरीक्षण School Inspection

Imran Khan
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यूपी के सभी जिलों में स्कूलों का औचक निरीक्षण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत व पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से राज्य के सभी जिलों में स्कूलों का औचक निरीक्षण करने का निर्णय लिया है। इस निरीक्षण अभियान का उद्देश्य छात्रों के नामांकन, पठन-पाठन, निर्माण कार्यों की प्रगति तथा विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति का आकलन करना है।


निरीक्षण की रूपरेखा

महानिदेशक स्कूल शिक्षा श्रीमती कंचन वर्मा के निर्देशन में समग्र शिक्षा अभियान के तहत यह निरीक्षण 1 से 14 अगस्त के बीच किया जाएगा। पूरे प्रदेश को 18 मंडलों में बांटकर प्रत्येक मंडल में दो अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इस प्रकार कुल 36 वरिष्ठ अधिकारियों को मैदान में उतारा गया है, जो संबंधित मंडलों के जिलों में जाकर विद्यालयों की स्थिति का मूल्यांकन करेंगे।

इन स्कूलों पर रहेगा विशेष फोकस

निरीक्षण टीम को प्रत्येक मंडल के कम से कम दो जिलों में निम्नलिखित संस्थानों का निरीक्षण करना अनिवार्य किया गया है: एक-एक पीएम श्री विद्यालय, एक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी), एक परिषदीय प्राथमिक विद्यालय, एक उच्च प्राथमिक विद्यालय, एक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय, एक इंटर कॉलेज, एक को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र

किन बिंदुओं पर होगी जांच

निरीक्षण के दौरान अधिकारी निम्नलिखित पहलुओं की गहराई से जांच करेंगे: भवन निर्माण कार्यों की प्रगति एवं जर्जर स्कूलों की स्थिति। विद्यालय में फर्नीचर की उपलब्धता। छात्रों के नए नामांकन की संख्या। परिवार सर्वेक्षण की प्रगति। विद्यालयों में चल रही शैक्षणिक गतिविधियाँ और शिक्षकों की उपस्थिति। विभिन्न शैक्षिक योजनाओं का प्रभाव और उपयोगिता

रिपोर्ट अपलोड और सुधार की प्रक्रिया

निरीक्षण टीमों को अपनी पूरी रिपोर्ट 'प्रेरणा निरीक्षण एप' पर अपलोड करनी होगी। इस डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से निरीक्षण पारदर्शी और समयबद्ध रूप से संपन्न होगा। इन रिपोर्टों के आधार पर संबंधित जिला और मंडलीय अधिकारी आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाएंगे और शिक्षा विभाग को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

शिक्षा सुधार की दिशा में बड़ा कदम

उत्तर प्रदेश सरकार का यह अभियान न केवल जमीनी हकीकत को उजागर करेगा, बल्कि इससे शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त कमियों की पहचान कर उन्हें दूर करने में भी मदद मिलेगी। यह पहल छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।


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