बेसिक - माध्यमिक विद्यालयों के ऊपर से हटेंगी हाईटेंशन लाइन
लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के ऊपर से जा रही हाईटेंशन व एलटी लाइन हटाई जाएगी। बिजली विभाग की ओर से जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिलों में कमेटी का गठन कर विद्यालयों को चिह्नित कर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। साथ ही इसके लिए 80 करोड़ का बजट भी आवंटित किया है।
पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल व दक्षिणांचल के प्रबंध निदेशक को इसके लिए पत्र भेजा है। उन्होंने कहा है कि इनको हटाने के लिए डीएम, सीडीओ, बीएसए, डीआईओएस आदि की कमेटी होगी।
यह समिति ऐसे सरकारी विद्यालयों को चिह्नित करेगी जो विद्यालयों के ऊपर से शिफ्टिंग के लिए प्राथमिकता तय करेगी। उन्होंने कहा है कि इस काम के लिए आवश्यक प्राक्कलन तैयार करके काम कराया जाए। इस शिफ्टिंग में अंडरग्राउंड केबिल का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
हटेंगे स्कूल-कालेजों के ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तार
लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों के ऊपर से गुजर रहे बिजली के तारों को अब जल्द हटाया जाएगा। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने इसके लिए 80 करोड़ रुपये बिजली कंपनियों को उपलब्ध कराए हैं। इसके साथ ही जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। समिति ऐसे स्कूलों, कालेजों को चिह्नित करेगी जिनके ऊपर से बिजली के तार गुजर रहे हैं। चिह्निकरण के साथ ही लाइनों को शिफ्ट कराने का काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल की ओर से सभी डिस्काम के प्रबंध निदेशकों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि समय-समय पर जनप्रतिनिधियों तथा प्रशासन द्वारा विद्यालय परिसरों के ऊपर से गुजरने वाली हाइटेंशन व लो-टेंशन लाइनों को हटाने के लिए कहा जाता रहा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में इसके लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है।
जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में गठित की जाने वाली समिति में मुख्य विकास अधिकारी, बीएसए, डीआइओएस, उच्च शिक्षा अधिकारी अथवा उनके प्रतिनिधि, जिले में तैनात अधिशासी अभियंता भंडार व सहायक अभियंता भंडार सदस्य होंगे। अधीक्षण अभियंता (वितरण) विद्युत वितरण निगम समिति के संयोजक होंगे। जिलों के अधीक्षण अभियंता विद्युत को निर्देशित किया गया है कि डीएम से मिलकर समिति का गठन तीन दिन में करा लें।