30 परिषदीय विद्यालयों का विलय निरस्त होने के बाद उठने लगे सवाल
सवाद न्यूज एजेंसीदेवरिया। परिषदीय विद्यालयों के विलय के बाद पहली सूची से 30 स्कूलों को निरस्त करने के बाद भी विभागीय जिम्मेदारों पर उठ रहे सवाल कम नहीं हो रहे हैं। शिक्षक संगठन नए बदलाव से खुश नहीं हैं।
उनका कहना है कि जब तक विलय का आदेश ही निरस्त नहीं कर दिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।
परिषदीय विद्यालयों के विलय में मनमानी की शिकायतों के बाद शुक्रवार की शाम को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने प्रथम सूची में बदलाव करते हुए 30 विद्यालयों को सूची से बाहर कर दिया। इससे इन विद्यालयों में अध्ययरत छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने राहत महसूस की।
वहीं शासन को भेजी नई सूची में 37 नए विद्यालयों को जोड़ा गया है। हालांकि, नई सूची में भी गड़बड़ियां की शिकायतें कम नहीं हुई हैं।
देवरिया सदर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालय सरौरा नंबर दो में पिछले साल नामांकन 55 था, वर्तमान में 51 है, इसको सरौरा नंबर एक में मर्ज कर दिया गया है। जबकि दोनों विद्यालयों के बीच एक किमी की दूरी है। इनके बीच से होकर देवरिया से रुद्रपुर जाने वाली सड़क गुजरती है। इससे छात्रों को सड़क पार कर जाना होगा।
रामपुर कारखाना में प्राथमिक विद्यालय गोविंदपुर को कंपोजिट विद्यालय मदिरापाली के साथ विलय किया गया है। जबकि यह विद्यालय छात्र संख्या व संसाधनों के मामले में बेहतर माना जाता है।
इसी तरह गौरीबाजार में प्राथमिक विद्यालय मलिया टोला को प्राथमिक विद्यालय करमाजितपुर में कर दिया है, जो दो किमी दूर दूसरे ग्राम पंचायत का स्कूल है। बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायतों को ध्यान में रखकर ही 30 विद्यालयों को विलय की पहली सूची में बाहर किया गया है।