योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपना वादा किया पूरा, क्रिकेटर रिंकू सिंह के साथ छह और नामचीन खिलाड़ी बने राजपत्रित अधिकारी
UP GOVERNMENT NEWS
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने वादे के अनुरूप खेल के क्षेत्र में देश और प्रदेश को गौरवांवित करने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी के पदों पर नियुक्तियां दी हैं।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में चयन समिति की संस्तुति के बाद संबंधित विभागों ने आवश्यक पत्राचार पूरा कर लिया है।
ताजा मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रिंकू सिंह के साथ अब छह और खिलाड़ी गृह, वन, पंचायती राज, ग्रामीण विकास और बेसिक शिक्षा विभाग में राजपत्रित अधिकारी बनाए गए हैं। गौतमबुद्धनगर के पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को पुलिस उप अधीक्षक (डीएसपी), गाजीपुर के हाकी खिलाड़ी राजकुमार पाल को भी डीएसपी बनाया गया है।
UP GOVERNMENT NEWS |
प्रवीण कुमार ने पेरिस पैरालंपिक में ऊंची कूद टी64 में गोल्ड मेडल जीता। प्रवीण ने डेढ़ महीने पहले संकल्प लिया था कि पेरिस में गोल्ड जीतकर ही लौटेंगे। वह इसे संकल्प को पूरा करने में कामयाब रहे। प्रवीण को अपने छोटे पैर के कारण काफी कुछ झेलना पड़ा। मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत करके अपना लक्ष्य हासिल किया। ग्रेटर नोएडा में गांव गोविंदगढ़ के निवासी प्रवीण कुमार टोक्यो पैरालंपिक से पहले करीब डेढ़ महीने तक कोरोना से संक्रमित रहने के कारण बिस्तर पर थे। कोरोना से ठीक होने के बाद उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की और पैरालंपिक में रजत पदक जीता।
राजकुमार पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय टीम के साथ कांस्य पदक जीत चुके हैं। गाजीपुर के हॉकी खिलाड़ी राजकुमार पाल भारतीय हॉकी टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में पहली बार कांस्य पदक जीता है। वह गाजीपुर के करमपुर के रहने वाले हैं और आठ वर्ष की उम्र से ही हॉकी खेल रहे हैं। राजकुमार पाल ने भारतीय हॉकी टीम में 2020 में बेल्जियम के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था।
इटावा के पैरा एथलीट अजीत सिंह और गाजियाबाद की पैरा एथलीट सिमरन को जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर नियुक्ति मिली है। इटावा के पैरा एथलीट अजीत सिंह एफ-46 श्रेणी में पुरुषों की भाला फेंक में प्रतिस्पर्धा करते हैं। 3 सितंबर 2024 को, उन्होंने पेरिस में 2024 ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक में भाला फेंक F46 श्रेणी में रजत पदक जीता। इटावा की भरथना तहसील के ग्राम नगला विधी (साम्हों) के पैरा एथलीट अजीत सिंह यादव उन लोगों के लिए बड़ी मिसाल हैं, जो जिंदगी में अनचाहे हादसे का शिकार होने पर उस घड़ी को कोसते रहते हैं या नियति मानकर लाचार हो जाते हैं और जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता नहीं खोजते हैं। किसान सुभाष चंद्र यादव के बेटे अजीत सिंह यादव इन दिनों अजीत यादव मध्यप्रदेश के ग्वालियर में लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन से पीएचडी कर रहे हैं
गाजियाबाद की पैरा एथलीट सिमरन शर्मा दृष्टिबाधित हैं। उन्होंने पेरिस पैरालिंपिक 2024 में 200 मीटर रेस में कांस्य पदक जीता था। सिमरन 2022 एशियाई पैरा खेलों में भी भाग ले चुकी हैं, जहां उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर स्पर्धाओं में दो रजत पदक जीते थे। सिमरन जन्म से ही दृष्टिबाधित हैं, ने अपनी विकलांगता और जीवन की चुनौतियों को पार करते हुए खेल में सफलता हासिल की है। सिमरन की कहानी प्रेरणादायक है, जो दिखाती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
मुजफ्फरनगर की प्रीति पाल को खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के पद पर नियुक्त किया गया है। प्रीति ने 2024 के पैरा ओलंपिक में दो इवेंट्स में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। मुजफ्फरनगर के रामराज गांव की पैरा एथलीट प्रीति पाल को राष्ट्रपति भवन में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित गया था। प्रीति का 2024 में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में चयन किया गया था। उन्होंने पेरिस में अपना पहला पैरालंपिक पदक हासिल करने से पहले 100 मीटर और 200 मीटर दोनों स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीते। मुजफ्फरनगर में जन्मीं प्रीति किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। जन्म के छह दिन बाद ही उनके शरीर के निचले हिस्से पर प्लास्टर बांधना पड़ा था। कमजोर और असामान्य पैर की स्थिति के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
हापुड़ की एथलीट किरण बालियान को क्षेत्रीय वन अधिकारी बनाया गया है। चीन के हांगझू में एशियन गेम्स 2023 में देश को पहला एथलेटिक पदक दिलाने के साथ ही मेरठ की अंतरराष्ट्रीय एथलीट किरण बालियान शाटपुट में महिला वर्ग में देश को पहला पदक दिलाया है। पहली बार एशियन गेम्स में हिस्सा लेते हुए किरण ने अपने प्रदर्शन को कायम रखते हुए इस प्रतिस्पर्धा में 17.36 मीटर की दूरी नाप कर कांस्य पदक जीता। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सरकारी नौकरी की मांग की थी तो उनको राजपत्रित अधिकारी बनाया गया है
क्रिकेटर रिंकू सिंह शिक्षा क्षेत्र में भी अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली- 2022 के तहत बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) पद पर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रिंकू सिंह का जीवन संघर्ष और सफलता की मिसाल है। उनका जन्म 12 अक्टूबर 1997 को अलीगढ़ के एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता खानचंद्र रसोई गैस एजेंसी में सिलिंडर वितरक के रूप में काम करते थे। रिंकू ने भी शुरू में पिता के इस काम में सहयोग किया, लेकिन क्रिकेट के प्रति जुनून ने उन्हें मैदान तक खींचा। उनके बल्ले की ताकत ने उन्हे देशभर में लोकप्रिय बना दिया। रिंकू ने भारत की ओर से टी-20 और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी भाग लिया। आइपीएल 2025 के मेगा आक्शन में केकेआर ने उन्हें 13 करोड़ रुपये में अपनी टीम में शामिल किया।