School Reopen 2025: गर्मी की छुट्टियों के बाद खुले स्कूल! 5 पाॅइंट में समझें कैसे पढ़ाई पर बच्चों का फोकस वापस लौटेगा?
School Reopen 2025
गर्मियों की छुट्टियां खत्म हो गई हैं. देश के कई राज्यों में 15 जून के बाद स्कूल खुल चुके हैं तो वहीं कई राज्यों में एक जुलाई से स्कूल खोले जाएंगे. कुल जमा लंबी छुट्टी के बाद बच्चे स्कूलों की तरफ लौटे हैं.
इन छुट्टियाें में होम वर्क के साथ बच्चों ने मौज मस्ती की है. ऐसे में अब स्कूली लाइफ में वापस एडजस्ट होना बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा. वहीं बच्चों का फोकस पढ़ाई की तरफ वापस लौटाने को लेकर एक बड़ी चुनौती अभिभावकों के सामने भी है. हालांकि इसको लेकर स्कूल में टीचर्स अपने स्तर पर काम करते हैं, लेकिन घर पर अभिभावकों की भूमिका भी अहम होती है. आइए 5 पाॅइंट में समझते हैं कि आखिर गर्मियों की छुट्टी के बाद बच्चे किस तरह से अपनी पढ़ाई पर वापस फोकस कर सकेंगे.
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1.पढ़ाई का डेली रूटीन तय करें
लंबी छुट्टी के बाद स्कूल में वापसी बच्चों के लिए सहज नहीं होती है. छुट्टी में बच्चे मौज-मस्ती करते हैं, ऐसे में स्कूल लाइफ में वापसी बच्चों को परेशान करती है. बच्चे स्कूल में तो दोस्तों के साथ एडजस्ट करते हैं, लेकिन स्कूल से घर आने पर पहले की तरफ आजादी चाहते हैं, जबकि घर पर ही बच्चों को होमवर्क और रिवीजन करना होता है. ऐसे में जरूरी है कि स्कूल के बाद अभिभावक पढ़ाई का डेली रूटीन तय करें. इस रूटीन के हिसाब से पहले बच्चों को होमवर्क कराएं. जब वह इसमें सहज हो जाएं तो होमवर्क के बाद रिवीजन की आदत डालें.
2. बच्चों के साथ खुद भी पढ़ने बैठे
गर्मियों की छुट्टी के बाद बच्चों का फोकस पढ़ाई में शिफ्ट करने के लिए जितना जरूरी उनका डेली रूटीन सेट करना है, उतना ही जरूरी है कि अभिभावक बच्चों के साथ खुद पढ़ने बैठे. बेशक, अभिभावक इस दौरान कोई भी किताब उठा लें, लेकिन वह बच्चों के साथ नियमित तौर पर एक घंटे तक बैठ कर पढ़ें. इस दौरान अगर बच्चे शोर करते हैं तो वह उन्हें मन लगाकर किताब पढ़ने के लिए कहें. इससे बच्चे पढ़ने के लिए प्रेरित होंगे.
3. पढ़ने के लिए दबाव ना बनाएं
गर्मियों की छुट्टियों के बाद बच्चों का पढ़ाई पर फोकस लौटाना बेहद ही जरूरी होता है, लेकिन अभिभावकों को चाहिए कि वह पढ़ने के लिए बच्चों पर दबाव ना बनाएं. जरूरी है कि डेली रूटीन बनाएं. अगर इस रूटीन पर बच्चे पढ़ नहीं रहे हैं तो उन्हें डांटा ना जाए. जरूरी है अभिभावक खुद किताब पढ़ने समेत कुछ ऐसे तरीके अपनाएं कि बच्चों में पढ़ने को लेकर जिम्मेदारी का बोध विकसित हो.
4.पढ़ाई के साथ खेलने के लिए भी प्रेरित करें
बेशक, गर्मियों की छुट्टी के बाद अब स्कूल लाइफ शुरू हो गई है. बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना जरूरी है, लेकिन पढ़ाई के साथ ही खेल का संतुलन बनाना भी जरूरी है. ऐसे में जरूरी है कि स्कूल खुलने के बाद भी अभिभावक बच्चों को पढ़ाई के साथ खेलने के लिए भी प्रेरित करें. असल में खेलने से बच्चों के शारीरिक विकास होगा और मानसिक थकान से आराम मिलेगा.
5. नींद और आहार का विशेष ध्यान रखें
गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों ने जमकर नींद निकाली है तो वहीं अभिभावकों ने बच्चों की खाने संबंधी लगभग सभी डिमांड पूरी की हैं. अब स्कूल खुल रहे हैं. बच्चों को सुबह स्कूल जाना होगा. ऐसे में बच्चों की नींंद पर इसका असर पड़ना तय है. इन बातों को ध्यान देते हुए जरूरी है कि अभिभावक बच्चों की नींद और आहार पर विशेष ध्यान दें. मसलन, अगर बच्चों की नींद पूरी नहीं हो रही है तो उन्हें जल्द सुलाने की कोशिश करें. वहीं बच्चों को ऐसा आहार दें, जो पोष्टिक होने के साथ ही सुपाच्य हो.