नहीं बढ़ाई जा रही है प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों की फीस, फर्जी शासनादेश का विभाग ने किया खंडन Fee Increments

Imran Khan
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नहीं बढ़ाई जा रही है प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों की फीस, फर्जी शासनादेश का विभाग ने किया खंडन

प्रदेश के राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में शुल्क वृद्धि का एक शासनादेश शनिवार को वायरल हो गया। संयुक्त सचिव निलेष कुमार सिंह की ओर से नौ मई को जारी इस आदेश में विभिन्न प्रकार के शुल्क में दो से दस गुणा वृद्धि की बात कही गई थी।


यह शुल्क कक्षा नौ से 12 के विद्यार्थियों से लिया जाना प्रस्तावित था। इस आदेश के वायरल होने के बाद शिक्षक संगठनों ने अपनी खुशी का भी इजहार किया था। क्योंकि शुल्क बढ़ने से उन्हें काफी राहत मिलती। वहीं इस शासनादेश के बारे में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने कहा कि यह फर्जी है। ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया। विभाग के ही उप सचिव संजय कुमार ने कहा कि इस नाम से कोई अधिकारी वर्तमान में विभाग में नहीं तैनात हैं। ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया है।


कॉलेजों में सात साल से जमे प्रधानाचार्यों के तबादले की मांग

राजकीय शिक्षक संघ ने माध्यमिक विद्यालयों में अधीनस्थ राजपत्रित के पद पर 7 साल व उससे अधिक समय से एक ही विद्यालय में कार्यरत उपप्रधानाचार्यों व प्रधानाचार्यों के तबादले करने की मांग की है। संघ ने इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव को पत्र भेजा है।पत्र में संघ ने कहा है कि विभिन्न राजकीय इंटर कॉलेजों व राजकीय हाई स्कूलों में उपप्रधानाचार्य-प्रधानाचार्य लंबे समय से एक ही विद्यालय में कार्यरत हैं। इन्हें स्थानांतरित किया जाए। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय ने कहा कि 28 मार्च को विभाग ने अधीनस्थ राजपत्रित पद पर शिक्षकों को पदोन्नति दी है।इनमें से ज्यादातर 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गए हैं। कई अगले साल सेवानिवृत्त होंगे। सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का पदस्थापन गृह जिले के बाहर हुआ है। ऐसे शिक्षकों को उनके गृह जिले में पदस्थापित किया जाए। क्योंकि उनकी सेवा मात्र 10 महीने बची है। गृह जिले में पदस्थापन न होने से उन्हें पेंशन आदि में दिक्कत होगी। वहीं, लंबे समय से एक ही कॉलेज में जमे उपप्रधानाचार्यों-प्रधानाध्यापकों को स्थानांतरित किया जाए।

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