एआरपी चयन परीक्षा में कई शिक्षक फेल, माइक्रो टीचिंग में भी अटके बीस शिक्षक, कैसे होगा परिषदीय विद्यालय के छात्रों का बेड़ा पार
महराजगंज: समग्र शिक्षा अभियान के तहत आयोजित एआरपी के चयन परीक्षा में जनपद के 19 शिक्षक फेल हो गए हैं। वहीं लिखित परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों में से बीस शिक्षक माइक्रो टीचिंग में फास गए हैं।
दरअसल, परिषदीय विद्यालय के बच्चों में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए एआरपी चयन परीक्षा आयोजित की गयी थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जिले के 12 ब्लाकों में एआरपी के 58 रिक्त पद के लिए 114 शिक्षकों ने आवेदन किया था। आवेदन के बाद बीते 20 मार्च को विभाग ने एआरपी चयन के लिए लिखित परीक्षा कराई। इस परीक्षा को पास करने के लिए न्यूनतम साठ फीसदी अंकों का मापदंड बनाया गया था।
जिसमें केवल 95 शिक्षक ही साठ फीसदी या उससे अधिक अंक प्राप्त कर पाए। जिसके बाद विभाग द्वारा लिखित परीक्षा में फेल हुए 19 शिक्षकों की छंटनी कर दी गई है। लिखित परीक्षा के बाद 24 व 25 मार्च को माइक्रो टीचिंग में 95 शिक्षकों की योग्यता परखी गई।
इसमें भी क्वालीफाई करने के लिए साठ फीसदी अंक का मानक बनाया गया था लेकिन माइक्रो टीचिंग में भी साठ फीसदी मानक की बाधा को बीस शिक्षक पार नहीं कर पाए। अब ऐसे में इन सभी फेल शिक्षकों के भरोसे परिषदीय विद्यालय के बच्चों का बेड़ा कैसे पार हो पायेगा ये बड़ा सवाल है।
एआरपी चयन परीक्षा में कई शिक्षक फेल, माइक्रो टीचिंग में भी अटके बीस शिक्षक, कैसे होगा परिषदीय विद्यालय के छात्रों का बेड़ा पार
महराजगंज: समग्र शिक्षा अभियान के तहत आयोजित एआरपी के चयन परीक्षा में जनपद के 19 शिक्षक फेल हो गए हैं। वहीं लिखित परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों में से बीस शिक्षक माइक्रो टीचिंग में फास गए हैं।
दरअसल, परिषदीय विद्यालय के बच्चों में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए एआरपी चयन परीक्षा आयोजित की गयी थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जिले के 12 ब्लाकों में एआरपी के 58 रिक्त पद के लिए 114 शिक्षकों ने आवेदन किया था। आवेदन के बाद बीते 20 मार्च को विभाग ने एआरपी चयन के लिए लिखित परीक्षा कराई। इस परीक्षा को पास करने के लिए न्यूनतम साठ फीसदी अंकों का मापदंड बनाया गया था।
जिसमें केवल 95 शिक्षक ही साठ फीसदी या उससे अधिक अंक प्राप्त कर पाए। जिसके बाद विभाग द्वारा लिखित परीक्षा में फेल हुए 19 शिक्षकों की छंटनी कर दी गई है। लिखित परीक्षा के बाद 24 व 25 मार्च को माइक्रो टीचिंग में 95 शिक्षकों की योग्यता परखी गई।
इसमें भी क्वालीफाई करने के लिए साठ फीसदी अंक का मानक बनाया गया था लेकिन माइक्रो टीचिंग में भी साठ फीसदी मानक की बाधा को बीस शिक्षक पार नहीं कर पाए। अब ऐसे में इन सभी फेल शिक्षकों के भरोसे परिषदीय विद्यालय के बच्चों का बेड़ा कैसे पार हो पायेगा ये बड़ा सवाल है।