शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों ने भेजा पत्र
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ परिषदीय विद्यालयों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने मंगलवार को पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, एनसीटीई व एनआइओएस के चेयरमैन को पत्र भेजकर मांग की है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले का निस्तारण नहीं हो जाता,
तब तक चयनित बीएड अभ्यर्थियों को ब्रिज कोर्स न कराया जाए। यह मामला महेंद्र पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार केस के तहत सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, जिसे एक शिक्षक रवि कुमार सक्सेना ने स्पेशल अपील के माध्यम से चुनौती दी है। इस केस की सुनवाई 16 दिसंबर को जस्टिस दीपांकर दत्ता व जस्टिस एजी मसीह की 'बेंच करेगी। मोर्चा के प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह ने कहा कि आरक्षण पीड़ित 2020 से न्याय की
लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच ने 13 अगस्त 2024 को भर्ती सूची को रद कर मूल चयन सूची बनाने का आदेश दिया था। सरकार न तो हाई कोर्ट के आदेश का पालन कर पाई और न ही 16 महीनों से सुप्रीम कोर्ट में प्रभावी पक्ष रख सकी। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार आरक्षण पीड़ितों को न्याय देकर मामले का निपटारा करे, ताकि किसी भी वर्ग का नुकसान न हो और विवाद समाप्त हो सके।
