23 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी में मिली बड़ी राहत, बिना प्रशिक्षण भी परीक्षा में शामिल होने की अनुमति
Tet for Teachers
23 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी में मिली बड़ी राहत, बिना प्रशिक्षण भी परीक्षा में शामिल होने की अनुमति
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केंद्र सरकार और एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) ने स्पष्ट किया है कि 23 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त या उस तारीख से पहले विज्ञापित पदों पर बाद में नियुक्त हुए शिक्षकों को टीईटी (Teacher Eligibility Test) में शामिल होने के लिए किसी प्रकार की प्रशिक्षण योग्यता की अनिवार्यता से छूट दी गई है।
किन शिक्षकों को मिलेगा लाभ?
- जिनकी नियुक्ति 23 अगस्त 2010 या उससे पहले हुई है।
- जिनकी नियुक्ति उस तारीख के पहले जारी विज्ञापन पर बाद में हुई है।
- जिन शिक्षकों की अवशेष सेवा 1 सितंबर 2025 तक पांच वर्ष से अधिक है।
ऐसे शिक्षक बिना प्रशिक्षण (जैसे D.El.Ed, BTC आदि) के भी किसी राज्य की टीईटी या CTET परीक्षा में भाग ले सकेंगे। यह प्रावधान SBTC, BPED, DPED, CPED जैसी प्रशिक्षण योग्यता वाले अभ्यर्थियों के लिए भी लागू किया गया है।
शिक्षण स्तरीय शर्तें
- जो शिक्षक कक्षा 1 से 5 तक पढ़ा रहे हैं, उन्हें प्राथमिक स्तर की टीईटी उत्तीर्ण करनी होगी।
- जो शिक्षक कक्षा 6 से 8 तक पढ़ा रहे हैं, उन्हें उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी पास करनी होगी।
- जो शिक्षक पदोन्नति के माध्यम से उच्च प्राथमिक स्तर में पहुँचे हैं, वे अपनी प्राथमिक स्तर की टीईटी पास करके अपनी मूल सेवा को सुरक्षित रख सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट और एनसीटीई की स्थितिसुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 1 सितंबर 2025 को फैसला सुनाया था कि देशभर के कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को दो वर्ष के भीतर टीईटी पास करना अनिवार्य होगा, अन्यथा नौकरी समाप्त की जा सकती है। हालांकि, इस नियम में उन शिक्षकों को राहत दी गई है जिनकी नियुक्ति आरटीई कानून (2010) के लागू होने से पहले हुई थी — ऐसे शिक्षक अब बिना प्रशिक्षण भी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
यह निर्णय देशभर के लाखों शिक्षकों के लिए राहत भरा कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे पुरानी नियुक्तियों वाले शिक्षक भी अध्यापक पात्रता परीक्षा दे सकेंगे /

