प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधान एवं अध्यापकों के वर्ष-2025-26 हेतु आनलाईन स्थानान्तरण के सम्बन्ध में Aided School Teachers Transfer

Imran Khan
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एडेड माध्यमिक विद्यालयों में प्रबंधक एनओसी देने में कर रहे आनाकानी, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आवेदन अग्रसारित करने की बढ़ाई तिथि

शिक्षक संगठन ने कैंप लगाकर एनओसी दिलाने की उठाई मांग

लखनऊ। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया पूरी करना आसान नहीं दिख रहा है। कॉलेज प्रबंधन तबादले के लिए एनओसी देने से लेकर शिक्षकों के आवेदन अग्रसारित करने में आनाकानी कर रहे हैं। इससे विभाग को तिथि भी बढ़ानी पड़ी है।

विभाग की ओर से तबादले के लिए बनाए गए पोर्टल से प्रधानाचार्य व प्रबंधक को आवेदन मिलने वाली तिथि को ही इस पर अनापत्ति देते हुए डीआईओएस को अग्रसारित करना है। लेकिन, इसकी गति बहुत धीमी है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी इस संबंध में लगातार निर्देश जारी कर रहे हैं। देरी के चलते विभाग को तिथि 17 जून से बढ़ाकर 18 जून करनी पड़ी है।

अब डीआईओएस आवेदनों का परीक्षण कर 19 जून तक मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को भेजेंगे। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक इसे 20 जून तक अपर शिक्षा निदेशक को भेजेंगे। निदेशालय पर आए आवेदन पत्रों का परीक्षण व लिखित शिकायत का 23 जून तक निस्तारण कर परिणाम 27 जून को जारी किया जाएगा।

वहीं, उप्र. माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि सरकार वाकई में आनलाइन तबादला प्रक्रिया पूरी कराना चाहती है तो प्रबंधक से एनओसी दिलाने में शिक्षकों की मदद करे। सभी डीआईओएस कार्यालयों में कैंप लगाकर एनओसी दिलाई जाए।



अनुमोदन न मिलने के कारण तबादले से हो गए वंचित, प्रबंधकों ने रोका गुरुजी की घर वापसी का रास्ता

प्रदेशभर के 2294 शिक्षकों ने किया था आवेदन, 1400 से अधिक आवेदन को प्रबंधकों ने नहीं दी मंजूरी

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों एवं प्रधानाचायों के पारदर्शी तबादले की सरकार की मंशा स्कूलों के प्रबंधकों को रास नहीं आई। यही कारण है कि पहली बार ऑनलाइन आवेदन करने वाले आधे से अधिक शिक्षकों की घर वापसी का सपना टूट गया। प्रबंधकों ने सरकारी आदेश को दरकिनार करते हुए आवेदन अनुमोदित करना तो दूर शिक्षकों का शोपण शुरू कर दिया।

तबादले के आवेदन 12 जुलाई से शुरू हुए थे। प्रदेशभर से 2294 शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों ने आवेदन किया। इनमें से तकरीबन 850 तबादले ही अनुमोदित हो सके। अन्य 1400 से अधिक आवेदन पत्रों पर प्रबंधकों की मंजूरी नहीं मिल सकी। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. महेन्द्र देव ने प्रबंधकों को कार्रवाई की भी चेतावनी दी थी, पर उसका कोई असर नहीं पड़ा।

कोर्ट पहुंचे शिक्षकः ऑनलाइन तबादले में नियम बदलने पर कुछ शिक्षक हाईकोर्ट भी पहुंच गए हैं। पूर्व में स्थानीय निकाय, नगर निकाय एवं जिला पंचायत के अधीन संचालित स्कूलों के शिक्षकों के तबादले पर कोई रोक नहीं थी, लेकिन 19 जुलाई को डॉ. महेन्द्र देव ने पत्र जारी कर इनके तबादले पर रोक लगा दी थी।

प्रबंधक-प्रिंसिपल ही डाल रहे तबादलों में रुकावट, एडेड शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों की नहीं दे रहे एनओसी

एडेड शिक्षकों के तबादले में स्कूल प्रबंधक और प्रिंसिपल ही रुकावट बन गए हैं। शिक्षक आवेदन कर रहे हैं लेकिन, स्कूल उनको एनओसी ही नहीं दे रहे। अब अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों (जेडी) को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों को निर्देश देकर आवेदन आगे बढ़वाएं।

एडेड हाईस्कूलों और इंटर कॉलेजों में ऑनलाइन आवेदन के लिए विभाग ने सात जून को आदेश जारी किए थे। आवेदन की आखिरी तारीख 14 जनवरी तय की गई थी। वहीं स्कूल के स्तर से एनओसी देने और आवेदन आगे बढ़ाने के लिए 10 जून से 17 जून तक की तारीख तय की गई है। इस बीच शिकायतें आ रही हैं कि स्कूल स्तर से आवेदन आगे नहीं बढ़ाए जा रहे। 

इस पर अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र तिवारी ने सभी जेडी को पत्र लिखकर चिंता जताई है। लिखा है कि संस्थाधिकारियों द्वारा आवेदन पत्र आगे बढ़ाने की कार्यवाही धीमी है। इस वजह से विभाग को तय समय में सभी आवेदन पत्रों को अग्रसारण की कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना संभव नहीं होता। सभी जेडी से कहा है कि वे संस्थाधिकारियों को निर्देश देकर समय पर आवेदन आगे बढ़वाएं। 

शिक्षकों ने उठाए सवाल 
एडेड शिक्षकों के तबादले इससे पहले ऑफलाइन होते रहे हैं। कई साल पहले ऑनलाइन तबादलों की बात हुई और आदेश भी हुए लेकिन हो नहीं पाए। पहली बार ऑनलाइन अवेदन का शेड्यूल तय किया गया। वहीं विभाग ने ऑफलाइन आवेदन का भी मौका शिक्षकों को दे दिया। ऑनलाइन तबादलों का आदेश होने तक जो ऑफलाइन तबादला आवेदन कर चुके थे, उनके ऑफलाइन तबादले भी किए जाएंगे। इसको लेकर शिक्षकों का कहना है कि प्रक्रिया एक होनी चाहिए। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रक्रियाएं एक साथ क्यों लागू की गई? 

माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र का कहना है कि शिक्षक ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं तो प्रबंधक और प्रधानाचार्य को समय पर एनओसी देनी चाहिए। वहीं, माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. ओपी त्रिपाठी कहते हैं हैं कि सवाल अधिकारियों की मंशा पर भी हैं। पहले ऑफलाइन आवेदन लिए। उसके बाद अचानक से ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिए। इससे शिक्षक असमंजस में हैं। ऑफलाइन में कुछ आवेदन जेडी स्तर पर पेडिंग थे, वे भी नहीं लिए गए। आशंका है कि बैक डोर से बड़ा खेल हो सकता है।
एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के तबादले में रुचि नहीं ले रहे प्रबंधक, विभाग ने संयुक्त शिक्षा निदेशक और डीआईओएस को दिए निर्देश

लखनऊ। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में प्रधान व शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले में विद्यालय प्रबंधन रुचि नहीं ले रहे हैं। इस पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नाराजगी जताई है।

लंबी कवायद के बाद एडेड माध्यमिक विद्यालयों में तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई है। इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 14 जून है। लेकिन, कई जगह से शिक्षकों को एनओसी न देने की शिकायत मिल रही है। वहीं कुछ ऐसे भी मामले आए हैं कि शिक्षक आवेदन ऑनलाइन कर रहे हैं और एनओसी ऑफलाइन जारी की जा रही है।

शिक्षकों ने आवेदन में दिक्कतों की शिकायत भी की है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक व डीआईओएस को पत्र भेजा है। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को शिक्षकों के आवेदन शीघ्र अग्रसारित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभाग की ओर से जारी समय सारिणी के अनुसार कार्यवाही के लिए संस्था अधिकारियों को निर्देशित करने को कहा है।


एडेड स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के ऑनलाइन ट्रांसफर में अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) के बदले उगाही पर शिक्षा निदेशक की सख्ती

शिक्षा निदेशक ने सभी डीआईओएस को दिए कार्रवाई के निर्देश

एडेड स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के ऑनलाइन ट्रांसफर में अनापत्ति प्रमाणपत्र के नाम पर उगाही का मामला माध्यमिक शिक्षा परिषद तक पहुंच गया है। प्रदेश के शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को ऐसे मामले मिलने पर दोषी संस्थाओं के अधिकारियों पर कार्रवाई करने के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश सरकार ने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण का कार्यक्रम जारी किया है। स्थानांतरण चाहने वालों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, इसमें उन्हें पांच विद्यालयों का चयन करने का अवसर दिया गया है। प्रधानाचार्य व शिक्षक जिस विद्यालय से स्थानांतरण चाहते हैं, उन्हें वहां की प्रबंध समिति से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा। जिस संस्था में स्थानांतरण चाहते हैं, उससे अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि विद्यालयों ने अपने यहां खाली पदों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड कर दिया है।

 इसके बाद भी जिलों में प्रबंध समितियों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के बदले शिक्षकों से लाखों रुपये वसूलने की शिकायत लखनऊ व प्रयागराज में शिक्षा अधिकारियों के पास पहुंची है। जिस पर प्रदेश के शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने सभी डीआईओएस से कहा है कि निदेशालय स्तर पर वेबसाइट पर संस्था अधिकारियों ने अपने यहां की रिक्तियां अग्रसारित की गई है। ऑफलाइन स्थानांतरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। ऑनलाइन स्थानांतरण के लिए अग्रसारित रिक्तियों के सापेक्ष किसी भी दशा में संस्था अधिकारियों द्वारा ऑफलाइन स्थानांतरण का एनओसी जारी न किए जाए। ऐसे मामले सामने आने पर एनओसी को निरस्त करके दोषी संस्था के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव निदेशालय को भेजा जाए।



प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधान एवं अध्यापकों के वर्ष-2025-26 हेतु आनलाईन स्थानान्तरण के सम्बन्ध में

 देखा जा रहा है कि प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधान एवं अध्यापकों के आनलाइन स्थानान्तरण के सम्बन्ध में निदेशालय स्तर पर संचालित dse.upmsp.edu.in पर सम्बन्धित संस्थाधिकारियों द्वारा आनलाइन स्थानान्तरण हेतु रिक्तियों अग्रसारित की गयी हैं। 

उन रिक्तियों के प्रति उक्त के पश्चात आफलाइन स्थानान्तरण के लिये अनापत्ति प्रमाण-पत्र निर्गत किये जा रहे हैं और पोर्टल पर तदनुसार संशोधन हेतु अनुरोध पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं। यह स्थिति नियमों के प्रतिकूल एवं खेदजनक है।

अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि आनलाइन स्थानान्तरण हेतु अग्रसारित रिक्तियों के सापेक्ष किसी भी दशा में संस्थाधिकारियों द्वारा आफलाइन स्थानान्तरण का अनापत्ति प्रमाण-पत्र निर्गत न किया जाए। यदि आनलाइन स्थानान्तरण हेतु अग्रसारित रिक्ति के प्रति आफलाइन स्थानान्तरण आवेदन-पत्र का कोई प्रकरण आपके कार्यालय में प्राप्त होता है, तो उसे अपने स्तर से तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए दोषी संस्थाधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रस्ताव निदेशालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उक्त आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।



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