ITR Filing Deadline: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल की लास्ट डेट कब? जानें जुर्माना समेत बाकी डिटेल्स
Income Tax Return Filing Deadline: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है। इस तारीख से पहले ITR फाइल कर लेना सभी टैक्सपेयर्स के लिए बहुत जरूरी है। ITR फाइलिंग की डेडलाइन जाने पर 5000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
ये ही नहीं आयकर रिटर्न देर से दाखिल करने पर नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है। जबकि, समय रहते आईटीआर फाइल कर देंगे तो आयकर रिटर्न दाखिल करने के लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे। अगर समय पर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो किन-किन नुकसान का सामना करना पड़ सकता है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
कब से शुरू होगी आईटीआर फाइलिंग की प्रक्रिया?
आमतौर पर आईटीआर फाइलिंग का प्रोसेस 1 अप्रैल से शुरू होता है, लेकिन इस बार फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए ITR फाइलिंग की शुरुआत 1 अप्रैल 2025 को नहीं हुई है। कई रिपोर्ट्स का दावा है कि जून 2025 के शुरुआती हफ्ते से आईटीआर फाइलिंग का प्रोसेस शुरू हो सकता है। ITR-1 और ITR-4 फॉर्म्स के साथ आईटीआर फाइलिंग शुरू होगी। इसके बाद ITR-2 और ITR-3 जैसे फॉर्म्स को भरने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। हालांकि,इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा इस बारे में कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है।
क्या है आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख?
इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है। वित्त वर्ष 2024-25 और आकलन वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना चाहते हैं तो 31 जुलाई से पहल कर लें। खासतौर पर वो टैक्सपेयर्स डेट का ध्यान रखें जिनका बैंक खाते का ऑडिट होना जरूरी है। जबकि, वो पेशेवर या कारोबारी जिनके बैंक खाते का ऑडिट होना जरूरी है उनके लिए आईटीआर फाइलिंग की लास्ट डेट 31 अक्टूबर 2025 है।
देरी से आईटीआर फाइलिंग पर कितना जुर्माना?
वेतनभोगी व्यक्ति और छोटे बिजनेस को चलाने वालों के लिए आईटीआर फाइलिंग की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। लास्ट डेट जाने पर अगर आईटीआर दाखिल करेंगे तो आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्शन 234 एफ के तहत टैक्सपेयर्स को 5000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। 5 लाख रुपये से कम आय वालों के लिए जुर्माना की राशि 1 हजार रुपये तक सीमित है।
देर से रिटर्न दाखिल करने के नुकसान?
- रिफंड मिलने में देरी हो सकती है।
- 5000 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है।
- धारा 234 एफ के तहत 1 प्रतिशत मंथली ब्याज देना पड़ता है।
- अगले सालों में घाटे को समायोजित करने का फायदा नहीं मिलता है।
समय पर ITR Filing के फायदे
- 5000 रुपये तक का जुर्माना नहीं भरना पड़ता है।
- आयकर विभाग से जांच और नोटिस नहीं मिलता है।
- आसानी से लोन और वीजा के लिए अप्लाई हो सकता है।
- रिफंड मिलने का प्रोसेस जल्दी शुरू हो सकता है।