शिक्षकों को 5 दिन में ही मिलेंगे सभी प्रशिक्षण, हर माह नहीं छोड़ना पड़ेगा स्कूल, डायट आने से मिलेगी मुक्ति Teachers Training

Imran Khan
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शिक्षकों को 5 दिन में ही मिलेंगे सभी प्रशिक्षण, हर माह नहीं छोड़ना पड़ेगा स्कूल, डायट आने से मिलेगी मुक्ति

परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की ओर से नए सत्र से प्रशिक्षण में बदलाव किए जा रहे हैं। अब शिक्षकों को प्रशिक्षण के नाम पर हर महीने डायट के चक्कर नहीं लगाने होंगे।

शिक्षकों को पांच दिन में ही सभी प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाएंगे। जिससे वह स्कूलों में छात्रों पर फोकस कर पाएंगे।



जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य राज सिंह यादव ने बताया, प्रशिक्षण के लिए बार बार डायट आने से कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो जाती है। असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ता है। नए सत्र के पहले प्रशिक्षण मई में शुरू होने जा रहे हैं। अब शिक्षकों को एक बार में ही सारे प्रशिक्षण दे दिए जाएंगे। वह प्रशिक्षण लेकर अपने अपने स्कूलों में उसका उपयोग करेंगे। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को भी कई बार समस्याएं झेलनी पड़ती थी। उन्होंने बताया कि नागालैंड की शैक्षिक विजिट में भी उन्होंने यही देखा है। उन्होंने बताया, छोटे सा राज्य होने के बाद भी वहां की शिक्षा व्यवस्था काफी बेहतर हैं।

हर साल 1500 शिक्षकों को दिए जाते हैं प्रशिक्षण
परिषदीय व माध्यमिक के 1500 से अधिक शिक्षकों को हर साल प्रशिक्षण दिए जाते हैं। उन्हें कभी दो दिवसीय तो कभी तीन व पांच दिवस के लिए डायट आना पड़ता था, लेकिन अब नए प्रशिक्षण तालिका में ऐसा कुछ नहीं होगा। उन्हें गणित, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, पर्यावरण, सड़क सुरक्षा सहित कई प्रशिक्षण एक ही बार में दिए जाएंगे। एक साल में कई शिक्षकों को सात से आठ बार प्रशिक्षण लेने आना पड़ता था। अब ऐसा नहीं होगा।

डीएलएड प्रशिक्षुओं की लिए लगेगी स्पीकिंग क्लास
डायट में पढ़ाई कर रहे डीएलएड प्रशिक्षुओं के लिए के लिए अंग्रेजी की विशेष कक्षाएं संचालित की जाएगी। उन्हे स्पीकिंग की कक्षाएं दिलाई जाएंगी। तकि उन्हें कैंपल प्लेसमेंट मिल सके। जनपद में निजी स्कूलों में भी पढ़ाने में उन्हें कोई परेशानी न हो। वह निजी स्कूलों में अच्छे से पढ़ा सके। इसके साथ ही अन्य भाषाओं पर भी काम करने के लिए लैब बनाई गई है।

हर छात्र पर रखी जाएगी नजर
डायट प्राचार्य राज सिंह यादव ने बताया कि नागालैंड में जिस प्रकार हर एक छात्र की जानकारी वहां के शिक्षकों को होती है। वैसा ही सिस्टम यहां भी लागू किया जाएगा। जिससे परिषदीय स्कूलों में 95 प्रतिशत से अधिक छात्रों की उपस्थिति रहे। उन्होंने बताया कि वहां स्कूल नहीं आने वाले हर छात्र के बारे में शिक्षकों को पता रहता है। इसको भी यहां लागू किया जाएगा।

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