बगैर टीईटी उत्तीर्ण को टीजीटी भर्ती में शामिल करने पर किया जवाब तलब
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) भर्ती परीक्षा-2025 में बिना उच्च प्राथमिक (टीईटी) पास अभ्यर्थियों को शामिल करने पर प्रदेश सरकार से तीन दिन में जवाब तलब है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि तय दाखिल नहीं किया गया तो माध्यमिक शिक्षा निदेशक को रिकॉर्ड सहित व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति सुधांशु चौहान की खंडपीठ ने जयहिंद यादव एवं अन्य की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के अनुसार कक्षा 6-8 के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए उच्च प्राथमिक टीईटी अनिवार्य है। बिना इसके कोई शिक्षक पढ़ा नहीं सकता।
1989 और 1991 के शासनादेशों के साथ 11 अक्तूबर 2021 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सरकार एलटी ग्रेड शिक्षकों से ही 6-10 तक का शिक्षण कार्य कराती है, फिर भी टीईटी को अनिवार्य नहीं किया गया है। अब मामले की अगली सुनवाई नौ दिसंबर को होगी। संवाद
