8वें वेतन आयोग पर सरकार ने संसद में दी बड़ी जानकारी, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जानना जरूरी
8th Pay Commission: पिछले एक महीने से लगातार सुर्खियों में है। 3 नवंबर को सरकार ने इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी कर दिए थे, जिसके बाद से कर्मचारियों और पेंशनरों में कई सवाल उठ रहे हैं।
इसी मुद्दे पर 1 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन लोकसभा में एक सवाल पूछा गया। सांसद आनंद भदौरिया ने पूछा कि क्या सरकार ने औपचारिक तौर पर 8वें वेतन आयोग को नोटिफाई कर दिया है और क्या बढ़ती महंगाई के बीच राहत के तौर पर DA को बेसिक पे में मिलाने का कोई प्रस्ताव है। सरकार ने अपने जवाब में आयोग के गठन की पुष्टि तो की, लेकिन DA-बेसिक पे मर्ज करने से साफ इंकार कर दिया।
सरकार का संसद में जवाब
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि 8th CPC का गठन 3 नवंबर 2025 को जारी गजट नोटिफिकेशन के जरिए किया जा चुका है। इस तीन सदस्यीय आयोग में जस्टिस रंजन प्रकाश देसाई चेयरपर्सन, प्रो. पुलक घोष पार्ट-टाइम मेंबर और पंकज जैन मेंबर-सेक्रेटरी हैं। लेकिन DA और DR को बेसिक पे में मिलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। यानी पहले जैसी व्यवस्था हर छह महीने में AICPI-IW के आधार पर DA/DR संशोधन जारी रहेगी। इसी वजह से कई कर्मचारी समूह निराश दिख रहे हैं।
कर्मचारी और पेंशनर क्यों नाराज हैं?
ToR जारी होने के बाद कर्मचारी यूनियनों ने कई आपत्तियां उठाई हैं। सबसे बड़ी नाराज़गी यह है कि इस बार ToR में पेंशनरों का साफ ज़िक्र नहीं है, जबकि 7th पे कमीशन में यह स्पष्ट रूप से शामिल था। यूनियनें कह रही हैं कि इससे पेंशन संशोधन का दायरा कमजोर होता है। इसके अलावा ToR में यह भी नहीं लिखा कि नई पे स्ट्रक्चर कब से लागू होगा। क्या 1 जनवरी 2026 से या किसी और तारीख से? साथ ही, स्टाफ साइड JCM का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगें जैसे न्यूनतम वेतन तय करने का फॉर्मूला, वेतन संपीड़न की समस्या का हल और वेज रिवीजन के सिद्धांत-ToR में शामिल नहीं किए। यूनियन का आरोप है कि इस बार इस्तेमाल की गई भाषा 7th पे कमीशन की तुलना में ज्यादा सीमित है।
ToR जारी, नाखुशी भी जारी
8वें वेतन आयोग अब अपने 18 महीने के कार्यकाल में डेटा जुटाने, विभागों से चर्चा करने और यूनियनों से सुझाव लेने की प्रक्रिया शुरू करेगा। हालांकि ToR को लेकर बढ़ती नाराज़गी साफ संकेत देती है कि कर्मचारी संगठन आने वाले महीनों में अपनी आवाज और बुलंद करेंगे। दूसरी तरफ, DA, बेसिक पे मर्ज करने जैसी उम्मीदों पर सरकार के साफ इनकार ने कर्मचारियों को और चिंतित किया है, खासकर तब जब पिछले दो साल से महंगाई तेज बनी हुई है। 2026 वह साल है जब आमतौर पर नई पे कमिशन की सिफारिशें लागू होती हैं, इसलिए 8वें वेतन आयोग का मुद्दा आने वाले समय में और गरम रहने वाला है।
