पेंशन पर बड़ी राहत, सरकार ने जारी की स्पष्टीकरण, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर Pension Rule

Imran Khan
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पेंशन पर बड़ी राहत, सरकार ने जारी की स्पष्टीकरण, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर

Pension Rule: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक अहम स्पष्टीकरण जारी करते हुए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने साफ कहा है कि बेटी का नाम पारिवारिक पेंशन की पारिवारिक सूची से हटाया नहीं जाएगा।

विभाग ने यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में जारी किया है जब कई मामलों में सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों की पारिवारिक सूची से बेटियों के नाम हटाए जाने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं।


क्या कहा गया है DoPPW के निर्देश में?

DoPPW के कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि हर सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी को अपने परिवार के सभी सदस्यों का विवरण देना अनिवार्य है, चाहे वे पारिवारिक पेंशन के पात्र हों या नहीं। विभाग ने स्पष्ट किया, 'जैसे ही किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा निर्धारित प्रारूप (प्रोफॉर्मा) में बेटी का नाम परिवार के सदस्य के रूप में सूचित कर दिया जाता है, वह परिवार की सदस्य मानी जाएगी। इसलिए बेटी का नाम परिवार के सदस्यों के विवरण से हटाया नहीं जाएगा। परिवार पेंशन की पात्रता का निर्णय पेंशनर या परिवार पेंशनर के निधन के बाद, नियमों के अनुसार किया जाएगा।' इसका मतलब यह है कि बेटी का नाम सूची में बना रहेगा, भले ही वह उस समय परिवार पेंशन के लिए पात्र न हो। पात्रता की जांच केवल पेंशनर के निधन के बाद की जाएगी।

यह नियम किस प्रावधान के अंतर्गत आता है?

यह प्रावधान केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 [CCS (Pension) Rules, 2021] के नियम 50(15) के अंतर्गत आता है। इस नियम के अनुसार, जैसे ही कोई व्यक्ति सरकारी सेवा में प्रवेश करता है, उसे अपने परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी- जैसे कि पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता, और विकलांग भाई-बहन, देना अनिवार्य है, चाहे वे पारिवारिक पेंशन के पात्र हों या न हों।

परिवार पेंशन के दावे से संबंधित विशेष प्रावधान

यदि किसी मृत सरकारी कर्मचारी के परिवार के किसी सदस्य का नाम Form 4 या कार्यालय रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है, तो भी उस सदस्य का पेंशन दावा अस्वीकार नहीं किया जाएगा, बशर्ते कि कार्यालय यह सुनिश्चित कर ले कि वह सदस्य नियमों के अनुसार पात्र है।

कौन पात्र नहीं है?

DoPPW ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह नियम उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू नहीं होता जो पहले सिविल या सैन्य सेवा से सेवानिवृत्त होकर पुनः नियुक्त हुए हैं और जिनके लिए इस नई सेवा के तहत कोई नई पेंशन या ग्रेच्युटी देय नहीं है।


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