8th Pay Commission: ToR को मंजूरी, अब कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी- समझें गणित

Imran Khan
By -
0

8th Pay Commission: ToR को मंजूरी, अब कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी- समझें गणित

8th Pay Commission Latest Update: केंद्र सरकार ने बुधवार को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के वेतन, भत्तों और पेंशन में संशोधन का रास्ता साफ हो गया है।

सरकार के इस फैसले से देशभर के करीब 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।


आयोग की संरचना और समयसीमा

कैबिनेट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजन प्रकाश देसाई करेंगी। आयोग में एक पार्ट-टाइम सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे। आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है। साथ ही, जरूरत पड़ने पर आयोग सरकार को अंतरिम रिपोर्ट भी सौंपेगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आयोग की अंतिम सिफारिशें आने के बाद सरकार लागू करने की तिथि तय करेगी, लेकिन संभावना यही है कि यह 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। बता दें कि सरकार ने जनवरी 2025 में आयोग के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी और अब औपचारिक रूप से इसे आगे बढ़ा दिया गया है।

टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मूंजरी का मतलब

अब जब केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है, तो इसका मतलब है कि आयोग को अब अपना काम आधिकारिक रूप से शुरू करने की अनुमति मिल गई है। इस मंजूरी के बाद आयोग को अब अपनी रिपोर्ट तैयार करने और सरकार को सौंपने में लगभग 18 महीने लगेंगे। यानी आयोग अगले डेढ़ साल में यह तय करेगा कि कर्मचारियों के वेतन में कितना इजाफा होना चाहिए। साथ ही भत्तों (allowances) और पेंशन में क्या बदलाव जरूरी हैं और सरकार के वित्तीय हालात को ध्यान में रखते हुए किस तरह संतुलन बनाया जाए। बता दें कि जब आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप देगा, तब अंतिम फैसला केंद्र सरकार लेगी। यानी यह सरकार तय करेगी कि किन सुझावों को लागू किया जाए और कब से लागू किया जाए।

कितनी बढ़ सकती है सैलरी

बता दें कि 8वें वेतन आयोग ने अभी आधिकारिक वेतन स्लैब जारी नहीं किए हैं, लेकिन फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के अनुमान के आधार पर वेतन में ₹19,000 प्रति माह तक की बढ़ोतरी हो सकती है। अगर किसी मध्यम स्तर के कर्मचारी की मौजूदा सैलरी ₹1 लाख प्रति माह है, तो बजटीय प्रावधानों के अनुसार वेतन वृद्धि इस प्रकार हो सकती है-

-- ₹1.75 लाख करोड़ के बजट पर - सैलरी बढ़कर ₹1.14 लाख/माह (14% वृद्धि)

-- ₹2 लाख करोड़ के बजट पर - सैलरी बढ़कर ₹1.16 लाख/माह (16% वृद्धि)

-- ₹2.25 लाख करोड़ के बजट पर - सैलरी बढ़कर ₹1.18 लाख/माह (18% से अधिक वृद्धि)

रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वां वेतन आयोग अप्रैल 2025 तक पूरी तरह गठित हो जाएगा और इसकी सिफारिशें 2026 से 2027 के बीच लागू हो सकती हैं।

क्या है फिटमेंट फैक्टर

फिटमेंट फैक्टर वह सूत्र है जिसके आधार पर कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को नई वेतन संरचना के तहत गुणा किया जाता है। 7वें वेतन आयोग (2016) में यह 2.57 गुना रखा गया था, जिससे कर्मचारियों को 157% तक की बढ़ोतरी मिली थी। न्यूनतम बेसिक पे ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दी गई थी। अगर 8वें वेतन आयोग में यही फैक्टर दोहराया जाता है, तो न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹46,260 प्रति माह हो सकता है। वहीं न्यूनतम पेंशन ₹9,000 से बढ़कर ₹23,130 तक जा सकती है। हालांकि, कुछ जानकारों का मानना है कि यह अनुमान ज्यादा आशावादी है। पूर्व वित्त सचिव सुबहाष चंद्र गर्ग का कहना है कि नया फिटमेंट फैक्टर 1.92 के करीब हो सकता है, जिससे भी कर्मचारियों को 92% तक की सैलरी बढ़ोतरी मिलेगी। इस स्थिति में न्यूनतम बेसिक पे ₹34,560 प्रति माह तक पहुंच सकता है।

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)