Income Tax Return: इस बार फॉर्म-16 में क्या नया होगा? ITR फाइल करने से पहले सैलरीड क्लास का जानना जरूरी
Income Tax Return
Income tax return: अगर आप भी सैलरीड क्लास हैं तो यह आपके काम की है. जी हां, इस बार नौकरीपेशा करोड़ों लोगों को 15 जून 2025 तक फॉर्म-16 मिल सकता है. इस साल फॉर्म-16 (Form 16) को लेकर कुछ बदलाव किये गए हैं, जो कि आपके टैक्स रिटर्न फाइल करने में असर डालेंगे.
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इन बदलावों के बारे में आपको पता होना जरूरी है. आपको जैसा फार्म-16 (Form 16) पिछले साल तक मिलता था, उसका बेसिक ढांचा वही है. लेकिन जुलाई 2024 के यूनियन बजट ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म में बदलाव किए हैं. अब डिडक्शन के लिए सबूत देना जरूरी है.
एकेम ग्लोबल के पार्टनर-टैक्स संदीप सहगल ने बताया कि 'फॉर्म-16 (Form 16) का फॉर्मेट करीब-करीब वहीं है. लेकिन ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने वालों को डिडक्शन और छूट से जुड़े सबूत रखने जरूरी होंगे.' इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) की तरफ से नए फॉर्म्स को नोटिफाई किया गया है. रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख इस बार 15 सितंबर, 2025 तक बढ़ा दी गई है.
सबूत रखना जरूरी
टैक्सपेयर्स को डिडक्शन के लिए दस्तावेज रखने होंगे जैसे- सेक्शन 80C के तहत इनवेस्टमेंट से जुड़े सबूत ELSS, PPF, LIC आदि आपको रखने होंगे. इसके अलावा HRA के लिए किराये की रसीद भी जरूरी है. यदि आप होम लोन ब्याज पर मिलने वाली छूट का फायदा लेते हैं तो इसके भी सर्टिफिकेट जरूरी हैं. एक्सपर्ट्स की तरफ से चेतावनी दी गई है कि यदि सबूत नहीं होंगे तो डिडक्शन रद्द हो सकता है. डिजिटल या फिजिकल कॉपी संभालकर रखें वरना जांच के दौरान आप पर पेनल्टी या रिजेक्शन हो सकता है.
फॉर्म 16 क्यों जरूरी?
फॉर्म-16 एक अहम TDS सर्टिफिकेट है, जो नियोक्ता की तरफ से दिया जाता है. इसके दो पार्ट होते हैं. पहला पार्ट A होता है, इसके तहत नियोक्ता और कर्मचारी की डिटेल PAN, TAN और काटे गए टैक्स की जानकारी होती है. इसके अलावा पार्ट B में सैलरी का ब्रेकअप, छूट वाली भत्ते और डिडक्शन शो किया जाता है. अगर आपने बीच फाइनेंशियल ईयर के दौरान नौकरी बदली तो हर नियोक्ता से अलग पार्ट A मिलेगा. अगर फॉर्म-16 खो जाए तो आप अपने एम्पलायर से इसकी डुप्लीकेट कॉपी मांग सकते हैं.
बिना फॉर्म-16 के मुश्किल
फॉर्म-16 (Form 16) के बिना सही टैक्स रिटर्न फाइल करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है. यदि TDS और सैलरी की डिटेल मैन्युअली ट्रैक नहीं की तो गलती हो सकती है. इसलिए, फॉर्म-16 (Form 16) को संभालकर रखें और समय पर रिटर्न फाइल करें.