सदन में पेश किया गया आठ लाख आठ हजार 736 करोड़ का बजट, पिछले साल की तुलना में 9 प्रतिशत की ग्रोथ
यूपी सरकार का बजट गुरुवार को पेश किया गया। ठीक 11 बजे वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश किया।वित्तमंत्री ने रखीं ये बातें
● इस हेतु राज्य सरकार द्वारा 10 सेक्टर यथा-कृषि एवं संवर्गीय सेवाएँ, अवस्थापना, उद्योग, आई०टी० एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, पर्यटन, नगर विकास, वित्तीय सेवायें, ऊर्जा, पूँजी निवेश आदि चिन्हित करते हुये सेक्टरवार कार्ययोजना तैयार की गई है।
● प्रदेश सरकार के सम्बन्धित विभागों द्वारा सेक्टरवार कार्य योजना पर कार्य चल रहा है जिसकी समीक्षा नियमित रूप से की जा रही है।
● सुचारू नीति कार्यान्वयन, व्यापार को आसान बनाने, ईज ऑफ यूइंग बिजनेस तथा निवेश आकर्षित करने के लिये सत्त विकास के कार्य के प्रति समर्पण भाव से प्रदेश के समस्त अंचलों में संतुलित निवेश का समग्र प्रवाह एवं नागरिकों के जीवन उन्नयन के लिये दीर्घकालिक मूल्यों एवं व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया गया है।
● हमारी सरकार राज्य को एक मुख्य निवेश केन्द्र तथा देश के ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित करने के अपने मिशन को कार्यान्वित करने हेतु प्रतिबद्ध है।
प्रदेश का राजकोषीय घाटा निर्धारित सीमा के अधीन रहा
नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-2015 से 2022-2023 तक की अवधि के लिये राज्यों की राजकोषीय स्थिति के संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की गयी है, जिसमें उत्तर प्रदेश को अग्रणी (फंट रनर) राज्य की श्रेणी में रखा गया है।
● समेकित "फिस्कल हेल्थ इन्डेक्स" जो वर्ष 2014 से 2019 की अवधि में 37.0 था, 2022-2023 में बढ़कर 45.9 हो गया है।
● रिपोर्ट के अनुसार व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है। वर्ष 2018 से 2023 की अवधि में पूँजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा।
● इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा।
● सामाजिक क्षेत्र में पूँजीगत व्यय में 27 प्रतिशत तथा राजस्व व्यय में 9 प्रतिशत वार्षिक दर से वृद्धि हुई। इसी प्रकार, आर्थिक सेवाओं के अन्तर्गत भी पूँजीगत व्यय में पर्याप्त वृद्धि परिलक्षित हुई।
● वित्तीय वर्ष 2018-2019 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर व्यथ कुल व्यय का 4.9 प्रतिशत था जो वर्ष 2022-2023 में बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो गया, जो देश के प्रमुख राज्यों में सर्वाधिक था।
● प्रदेश का राजकोषीय घाटा निर्धारित सीमा के अधीन रहा है।
● राजस्व बचत तथा प्राथमिक बचत के कारण सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में ऋणग्रस्तता में कमी दर्ज की गयी।
● भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा राज्यों के बजट के संबंध में वित्तीय वर्ष 2024-2025 में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट के कुछ मुख्य बिन्दु में इस सम्मानित सदन के समक्ष प्रस्तुत करना चाहूँगा।
● देश के सभी राज्यों की स्वयं के कर की प्राप्तियों में उत्तर प्रदेश का अंश वर्ष 2022-2023, 2023-2024 एवं 2024-2025 में क्रमशः 9.9 प्रतिशत, 10.5 प्रतिशत एवं 11.6 प्रतिशत रहा जो महाराष्ट्र के उपरान्त देश में सर्वाधिक है।
● उक्त वर्षों में सभी राज्यों में राजस्व प्राप्तियों के सापेक्ष ब्याज पर व्यय क्रमशः 12.6, 12.3 एवं 12.1 प्रतिशत रहा जबकि उत्तर प्रदेश में यह प्रतिशत 10.3, 9.4 एवं 8.9 रहा।
● सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में सभी राज्यों की स्वयं के कर से प्राप्ति का औसत उक्त वर्षों में क्रमशः 6.5, 7.0 तथा 7.2 प्रतिशत रहा, जब कि उत्तर प्रदेश में यह अनुपात क्रमशः 7.6, 9.8 तथा 10 प्रतिशत रहा।
स्मार्ट क्लासेज की स्थापना पर कार्य
● प्रदेश के प्राथमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में आई०सी०टी०लैब तथा स्मार्ट क्लासेज की स्थापना पर कार्य किया जा रहा है।
● राजकीय पॉलीटेक्निकों में स्मार्ट क्लासेज तथा पूर्णतया डिजिटल लाईब्रेरी की स्थापना की योजना प्रस्तावित की गयी है।
● आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स को बढ़ावा देने हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना प्रस्तावित की गई है।
● प्रदेश में साईन्स सिटी, विज्ञान पार्कों और नक्षत्रशालाओं की स्थापना एवं नवीनीकरण की कार्ययोजना बनायी जा रही है।
● नगर निगमों के अलावा प्रदेश के जनपद मुख्यालय के 58 नगर निकायों को आदर्श स्मार्ट नगर निकाय के रूप में विकसित किये जाने हेतु विभिन्न योजनाओं के कनवर्जेन्स के माध्यम से कार्य कराया जायेगा।
● इस हेतु प्रति नगर निकाय के लिये 2.50 करोड़ रुपये इस प्रकार कुल 145 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रदेश के युवाओं को विशेष तोहफा
● इनोवेशन दिवस के अवसर पर यू० पी० स्टार्टअप संवाद और एक्सपो का आयोजन किया गया जिसमे प्रथम तीन स्टार्टअप्स को क्रमशः 01 लाख, 75 हजार एवं 50 हजार का पुरस्कार तथा शेष 05 को 25-25 हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया।
● प्रदेश में युवाओं को नवाचार से जोड़ने के लिए इनोवेशन फण्ड की स्थापना पर कार्य किया जा रहा है जिससे प्रदेश में स्टार्टअप ईकोसिस्टम विकसित हो सकेगा।
● पी०आर०डी० स्वयं सेवकों के मानदेय में वृद्धि प्रस्तावित है तथा स्वयं सेवकों को लगभग 20 लाख अतिरिक्त रोजगार दिवस उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जा रही है।
● ग्राम पंचायत स्तर पर गठित लगभग 80 हजार युवक एवं महिला मंगल दलों को प्रोत्साहन स्वरूप खेल सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है।
● मनरेगा योजनान्तर्गत विगत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 26 करोड़ मानव दिवस लक्ष्य के सापेक्ष दिनाँक 8 जनवरी, 2025 तक 27.40 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया है तथा 3,13,076 परिवारों को 100 दिन का रोजगार प्रदान किया गया है। मानव दिवस सृजन एवं वित्तीय प्रगति में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
● मनरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में महिलाओं की सहभागिता 42 प्रतिशत है।
● उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत विगत 6 वर्षों में 15.25 लाख युवाओं को निःशुल्क रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान कर 5.71 लाख युवाओं को रोजगार / स्वरोजगार से जोड़कर सेवायोजित किया गया।
● अप्रेन्टिस योजना के अन्तर्गत अब तक 2.54,335 युवाओं को उद्योगों व एम.एस.एम.ई. में योजित किया गया।
● एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजनान्तर्गत वर्ष 2024-2025 में 17 दिसम्बर, 2024 तक 1,838 लाभार्थियों को लाभान्वित कराते हुये लगभग 10,560 लाख रुपये की मार्जिन मनी वितरित की गयी तथा 34,500 रोजगार का सृजन हुआ।
● निवेश मित्र के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2024-2025 में माह नवम्बर, 2024 तक कुल 6,62,672 उद्यम पंजीकृत हुए जिसमें 59,64,048 रोजगारों का सृजन हुआ।
स्मार्ट क्लासेज की स्थापना पर कार्य
● प्रदेश के प्राथमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में आई०सी०टी०लैब तथा स्मार्ट क्लासेज की स्थापना पर कार्य किया जा रहा है।
● राजकीय पॉलीटेक्निकों में स्मार्ट क्लासेज तथा पूर्णतया डिजिटल लाईब्रेरी की स्थापना की योजना प्रस्तावित की गयी है।
● आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स को बढ़ावा देने हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना प्रस्तावित की गई है।
● प्रदेश में साईन्स सिटी, विज्ञान पार्कों और नक्षत्रशालाओं की स्थापना एवं नवीनीकरण की कार्ययोजना बनायी जा रही है।
● नगर निगमों के अलावा प्रदेश के जनपद मुख्यालय के 58 नगर निकायों को आदर्श स्मार्ट नगर निकाय के रूप में विकसित किये जाने हेतु विभिन्न योजनाओं के कनवर्जेन्स के माध्यम से कार्य कराया जायेगा।
● इस हेतु प्रति नगर निकाय के लिये 2.50 करोड़ रुपये इस प्रकार कुल 145 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
