शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता पर केंद्र के फैसले का इंतजार
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के मुद्दे पर अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ कोर्ट के फैसले को लेकर मौन साधे केंद्र व राज्य सरकारों के खिलाफ दो-दो हाथ करने के मूड में है। अखिल भारतीय शिक्षक संघ के प्रमुख घटकों में से एक यूपी के यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर कहते हैं कि प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में करीब एक लाख शिक्षक ऐसे हैं जो टीईटी के लिए आवेदन ही नहीं कर सकते।
इनमें बहुतायत बीएड योग्यताधारी वे शिक्षक हैं, जो प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त विशिष्ट बीटीसी भर्ती 1999, 2004 तथा 2007 में चयनित बीपीएड योग्यताधारी शिक्षक हैं।
वर्ष 2001 से पूर्व इंटर, बीटीसी के आधार पर नियुक्त भारी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिनकी सेवा अभी पांच वर्ष से अधिक शेष है तथा मृतक आश्रित कोटे में अनुकम्पा के तहत इंटर शैक्षिक योग्यता के आधार पर नौकरी पाने वाले अध्यापक टीईटी के लिए आवेदन ही नहीं कर सकते l वहीं उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ ने भी सरकार से मांग की है कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 25 वर्षों से काम कर रहे बीटीसी, सीटीईटी और यूपी-टीईटी पास शिक्षामित्रों को नई नियमावली बनाकर सुपर-टीईटी से मुक्त करते हुए सहायक अध्यापक पद पर स्थाई किया जाए। संगठन के अध्यक्ष अनिल यादव के अनुसार प्रदेश में करीब 70 हजार ऐसे शिक्षामित्र हैं, जिनके पास बीटीसी प्रशिक्षण और टीईटी या सीटीईटी की पात्रता है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 1.48 लाख से अधिक शिक्षामित्र परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत हैं।
इनमें से अधिकतर ने दो वर्षीय दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। दूसरी तरफ अखिल भारतीय संगठन से एक बाद एक कर विभिन्न राज्यों के शिक्षक संगठनों से जुड़ते चले जा रहे हैं। बावजूद इसके यूपी समेत कई राज्यों में सैकड़ों शिक्षक ऐसे भी हैं जो किसी भी स्थिति में कोई जोखिम उठाना नहीं चाहते। लिहाजा वे टीईटी के सैंपल पेपर खरीदकर उसकी तैयारी में जुट गए हैं, ताकि भविष्य में उनके व उनके परिवार के समक्ष रोजी-रोटी का कोई संकट न उत्पन्न हो सके। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने शिक्षकों के हितों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद शिक्षकों के आन्दोलन को फिलहाल समाप्त कराने के प्रयास शुरू कर दिए हैं जबकि शिक्षक संगठन कानूनी लड़ाई के साथ-साथ आंदोलन की तैयारी में भी जुटे हैं।
